बुधवार, 14 दिसंबर 2022

Paush Month 2022 पौष माह में इन उपायों को करने से बढ़ेगा सौभाग्य



Paush Month 2022 पौष माह में इन उपायों को करने से बढ़ेगा सौभाग्य

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पौष माह में इन उपायों को करने से बढ़ेगा सौभाग्य

आज बात करेंगे पौस महीने की और पौस महीना आरम्भ हो चुका है इसमें हमें क्या उपाय करने चाहिए तो हमारा भाग्य जो है उदय हो, हमारे जीवन की कठिनाइयों में हमें शक्ति मिले, उनसे लड़ने के लिए हमारे जीवन में पॉजिटिव एनर्जी का वास हो हमें अपने इष्ट देव का आशीर्वाद मिले, हमें अपने कुलदेवता से सिद्धि प्राप्त हो सके, हमें जो भी कार्य उसमें हमें सफलता मिले, बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिले. हमारा जीवन एक अच्छी राह पे चल सके. जीवन की जो कठिनाइयां आ रही हैं वो खत्म हो.




और उसमें हमें सफलता प्राप्त हो हम हर काम करने में जो हमारे उचित काम है उनको हम करने में सफलता अर्जित कर सकें तो अ चलिए बात करते हैं आज पोस महीने की पोस महीने का शुभारम्भ तो नौ दिसंबर शुक्रवार से ही हो चुका है आज दस दिसंबर है मैं आज ये वीडियो बना रहा हूँ तो चलिए बात करते हैं इसके महत्व की पौष क्यों महत्वपूर्ण है हमें इस महीने में क्या-क्या काम करने चाहिए कि हमारे जीवन में सुख समृद्धि का वास हो तो नौ दिसंबर शुक्रवार से ही ये महीना आरंभ हो चुका है पौष का और भगवान सूर्य देव से संबंधित है पौष महीना पौष महीने में सूर्य देव की पूजा का महत्व बढ़ा है। इस महीने में हम पिंडदान और श्राद्ध क्रम भी कर सकते हैं पितरों के लिए जो कि हमारे पितरों का आशीर्वाद हम पे बना रहे उनको जो है अगर वो किसी भी अह दुविधा में फंसे हैं या उनका उद्धार वहाँ नहीं हो पा रहा है तो पितृ अह पूजा करके उनको हमें अच्छे स्थान को दिलाने का एक दायित्व होता है जो कि पिंडदान या श्राद्ध कर्म से हम कर सकते हैं अपने पितरों के लिए अच्छा कर सकते हैं ताकि वो हमारे लिए अच्छा कर पाए महीने में सूर्य देव की जो गति होती है वो धीमी हो जाती है इसलिए खरमास भी लग जाता है.

खरमास के बारे में एक पूरी वीडियो बना के दूंगा. जिसमें खरमास के ही बारे में बात करेंगे क्योंकि पॉस महीने के अ जो अ पॉस महीना होता है उसी में ही ये खरमास भी लगता है तो अब बता देता हूँ आपको खरमास का प्रारम्भ कब होगा तो खरमास का प्रारम्भ सोलह दिसंबर से होगा. आज दस तारीख है दस दिसंबर है.

सोलह दिसम्बर से खरमास भी लग जाएगा.

तो महीने का जो अ महत्व है वो बहुत ही हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने जीवन को सुचारू रूप से चला सकें हमें कठिनाइयों से लड़ सकें हमें शक्ति प्राप्त हो उन कठिनाइयों से जीवन में लड़ने के लिए तो हमें क्या-क्या आं काम करने चाहिए तो ये बता दें कि पोश महीना कब से कब तक है? तो कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ वैसे आठ दिसंबर से ही हो गया था तो आपको ये बता दें कि पौस की जो पूर्णिमा होती है पौस की पूर्णिमा के दिन ही पौस मास का समापन होता है.

तो पौस महीना मैंने बता दिया नौ दिसंबर दो हजार बाईस से आरम्भ हो चुका है और जो की सात जनवरी दो हजार तेईस तक रहेगा यानी शुक्रवार तक रहेगा शुक्रवार से शुक्रवार ये बहुत ही अच्छा संयोग बन पड़ा शुक्रवार से चालू हुआ शुक्रवार को ही इसका समापन होगा.

ये काफी अच्छा योग है और इसमें अह हम अपने लिए जो भी उपाय करेंगे वो अह सिद्ध होने वाले हैं उनमें रुकावट नहीं होगी। तो चलिए बात करते हैं कि क्या-क्या उपाय हमें करने चाहिए, बहुत बड़े-बड़े कोई ज्यादा बड़े उपाय नहीं है वही जो हम अपने जीवन में अपनाते हैं छोटे-मोटे जो उपाय हैं, छोटे-छोटे उपाय उन्हीं उपायों से हम अपना उद्धार कर सकते हैं। तो चलिए करते हैं. पौष माह में जो है भगवान सूर्यदेव महत्व है पौष माँ उन्हीं से आधारित, उन्हीं पे आधारित है सूर्य देव से ही तो सूर्य देव जो है इस टाइम पे धीमी गति में भी होते हैं.

सूर्य देव की आराधना हमें करनी चाहिए.

सूर्य देव की आराधना करने से उनको जल अर्पित करने से लाल फूलों का और लाल चंदन अक्षत डालकर उनको अर्पित किया जाने वाला जल जो है वो बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है और हमें बड़े महत्वपूर्ण और जो अद्भुत इसके लाभ मिलते हैं.

सूर्य मंत्र का अगर जाप अगर आप मंत्रों का जाप करना जानते हैं तो आप जाप कर सकते हैं.

और सूर्य मंत्र का जाप करना बहुत ही फायदेमंद होता है कार्य पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है सफलता में वृद्धि होती है आप ये जान लें इस चीज को तो उसके अलावा हमें पौष माह में प्रत्येक रविवार के दिन जो है व्रत अगर हम रखना चाहते हैं रख सकते हैं तो रख सकते हैं तो हम रखें क्योंकि सूर्य देव की पूजा सूर्य देव की जो पूजा होती है उसी दिन ही होती है रविवार को ही तो प्रत्येक रविवार को हम व्रत रख सकते हैं पौष माह की प्रत्येक रविवार को और नमक का अह प्रयोग इसमें वर्जित होता है मीठा भोजन हमें करना चाहिए सूर्यदेव प्रसन्न रहेंगे कुंडली में उनका प्रभाव बढ़ेगा और जो अह भाग्य में वृद्धि करने वाला होता है साथ ही पौष माह में सर्दी अ बढ़ जाती है गर्म कपड़े, कंबल, गुड़ इन चीजों का हमें दान करना चाहिए.

इस दान से हमें क्या होता है सुख-शांति में वृद्धि होती है.

इसके अलावा सूर्य देव को तिल और चावल की खिचड़ी का भोग भी लगा सकते हैं लाल और पीले वस्त्र पहन सकते हैं हम और सूर्य का प्रिय रंग माना जाता है ये अह लाल और पीला और इससे क्या होता है कि भाग्य जो है वो प्रबल होता है अब मांगलिक कार्य नहीं किए जाते क्योंकि खरमास भी मध्य पड़ता है जैसे सोलह तारीख से खरमास पड़ जाएगा लग जाएगा आरम्भ हो जाएगा खरमास तो खरमास भी पड़ता है पौष मास नहीं तो इसे खरमास का नाम भी दिया जाता है तो इस माह में नए-नए कार्य नहीं करते तो खरमास से पहले-पहले निपटा लेते हैं आजकल देखिए आप शादी ब्याह हो रहे हैं तो सोलह सोलह तारीख जैसे ही लग जाएगी उसके बाद फिर वही थोड़ा बहुत जब तक खरमास रहता है तब तक वो बंद हो जाते हैं, मांगलिक कार्य नहीं करते लोग तो मांगलिक कार्य वर्जित है, खरमास के टाइम पे ये सब है चीजें, इन चीजों का ध्यान रख के या इन चीजों को अह हम अपने जीवन में अपना के भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करके उनको लाल अह चंदन, अक्षत, लाल फूल अर्पित करके गुड़ भी उसमें डाल लें आप अगर जल अर्पित कर रहे हैं तो थोड़ा गुड़ की डालिए हल्की सी, छोटी सी तो उससे भी बहुत में वृद्धि मिलेगी मान प्रतिष्ठा सफलता आपको मिलेगी तो ये थे उपाय और ये था पौस माँ का वर्णन आपके सामने कब से चालू हुआ? कब इसका समापन होगा वो भी मैंने आपको बता दिया तो वीडियो अगर आपको अच्छी लगती है और चैनल पे अगर आप नए हैं तो आप चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लीजिएगा। 





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