बुधवार, 19 जुलाई 2023

Kabaz क्यों होता है, कब्ज दूर करने के क्या Upaya है

जुलाई 19, 2023 0


कब्ज एक ऐसी बीमारी है जिससे हर किसी को जीवन में दो-चार होना ही पड़ता है। सामान्यत: यह अनियमित दिनचर्या एवं गलत खान-पान के कारण होती है।

कब्ज के कारण -

* भोजन में रेशेदार पदार्थों की कमी।
* शारीरिक मेहनत न करना। आलस्य। दिन भर एक ही जगह बैठे-बैठे काम करना।
* शरीर में पानी की कमी।
* चाय,कॉफ़ी, शराब,तंबाकू व धूम्रपान का अति प्रयोग।
* अनियमित दिनचर्या व आहार विहार।
* गरिष्ठ भोज्य पदार्थों का अधिक सेवन।
* जल्दबाजी में बिना चबाए भोजन करना। ज्यादा उपवास करना।
* बड़ी आंत में घाव या चोट।
* आंतों की रुकावट।


कब्ज से बचने के उपाय-

* भोजन में अधिक से अधिक रेशेदार सब्जियों, फलों, सलाद व छिलके वाली दालों का उपयोग करें।
* जब भी मल त्याग की इच्छा हो, दबाएं नहीं।
* रात्रि भोजन और सोने के बीच करीब 2 घंटे का अंतर जरुर रखें।
* रात में जल्दी सोने के लिए जाएं एवं सुबह जल्दी उठें।
* लगातार मल निष्काशक औषधियों से सेवन से बचें।
* दिन भर में खूब पानी पिएं।
* भोजन को खूब चबा चबा कर ग्रहण करें। भोजन करते समय पूरा ध्यान भोजन के चबाने पर रखें।
* प्रात: एवं सांध्य भ्रमण के लिए अवश्य समय निकालें।
* सुबह व्यायाम, कसरत एवं प्राणायाम करें।
* चिंतामुक्त जीवन जिएं।

yahan जाने एक से एक Pakwan बनाने की विधि हिंदी में|

जुलाई 19, 2023 0
अगर आप नए नए पकवान बनाने और खाने के शौकीन है तो आप के लिए ये वेबसाइट बहुत उपयोगी साबित होगी| इस वेबसाइट पर एक से एक पकवान को बनाने का तरीका बताया गया है और अच्छी बात ये है की इस वेबसाइट की सारी जानकारी हिंदी में है| इस वेबसाइट पर राजस्थानी पकवान,साउथ इंडियन पकवान और तरह तरह के आचार बनाने की आसन विधि बताई गयी है| इस वेबसाइट का इंग्लिश वर्जन भी उपलब्ध है|


इस वेबसाइट पर दी गयी पकवानों के कुछ नाम.......
  • परवल कोरमा Parval Kurma Curry
  • चिल्ली पनीर - Chilli Paneer Recipe
  • अचारी आलू - Achari Aloo
  • पालक पनीर भुजिया - Palak Paneer Bhurji
  • पिज्जा सेन्डविच - Pizza Sandwich
  • चिल्ली पनीर - Chilli Paneer
  • आम की बर्फी - Mango Burfi
  • ब्रेड का हलवा - Bread Halwa
  • Shahi Paneer Recipe शाही पनीर
  • दाल मखनी - Dal makhani
  • नारियल के लड्डू – Coconut Laddu 

गुरुवार, 13 जुलाई 2023

Sawan Man Bhawan सावन की हिन्दी शायरी

जुलाई 13, 2023 0


सावन की शायरी 


  • सावन की बारिश में भीगते-भीगते,
    मैं तुम्हें याद कर रहा हूं.

  • सावन के बादल में तुम्हारी आंखें दिख रही हैं,
    और सावन की हवा में तुम्हारी सांस चल रही है.

  • सावन का मौसम प्यार का मौसम है,
    और मैं तुम्हें प्यार करता हूं.

  • सावन की बारिश में मैं तुम्हारे साथ नहाना चाहता हूं,
    और सावन के बादल में मैं तुम्हारे साथ सोना चाहता हूं.

  • सावन की हवा में मैं तुम्हारे साथ चलना चाहता हूं,
    और सावन के फूलों में मैं तुम्हारे साथ फूलों की माला बनाना चाहता हूं.

  • सावन का महीना तुम्हारे लिए है,
    और मैं तुम्हारे लिए सावन का महीना हूं.

  • सावन की बारिश में मैं तुम्हारे लिए गाना गाना चाहता हूं,
    और सावन के बादल में मैं तुम्हारे लिए कविताएं लिखना चाहता हूं.

  • सावन की हवा में मैं तुम्हारे लिए प्यार के गीत गाना चाहता हूं,
    और सावन के फूलों में मैं तुम्हारे लिए प्यार के फूलों की माला बनाना चाहता हूं.

  • सावन का महीना प्यार का महीना है,
    और मैं तुम्हें प्यार करता हूं.

सावन का महीना आया है,
बारिश का मौसम आया है,
हवा में खुशबू है,
पौधों में हरियाली है,
आकाश में बादल है,
और मन में उमंग है.

सावन के महीने में,
बारिश के साथ ही,
प्यार भी बरसता है,
अश्कों के साथ भी,
और गीतों के साथ भी.

सावन का महीना है,
आनंद का महीना है,
उमंग का महीना है,
और प्रेम का महीना है.

सावन के महीने में,
बारिश के साथ ही,
आशा भी आती है,
और विश्वास भी आती है,
कि सब कुछ ठीक हो जाएगा.

सावन का महीना है,
जीवन का महीना है,
प्रेम का महीना है,
और आनंद का महीना है.


सावन का महीना,
प्रेम का महीना है,
यह महीना प्रेमियों के लिए है,
यह महीना प्यार का महीना है.

सावन की बारिश में,
प्रेमी प्रेमिकाओं के साथ मिलते हैं,
वे एक-दूसरे के साथ बात करते हैं,
वे एक-दूसरे के साथ हंसते हैं,
और वे एक-दूसरे के साथ रोते हैं.

सावन की बारिश में,
प्रेमी प्रेमिकाओं के बीच प्यार बढ़ता है,
उनका प्यार मजबूत होता है,
और उनका प्यार अमर होता है.


सावन का महीना,
आनंद का महीना है,
यह महीना बच्चों के लिए है,
यह महीना मस्ती का महीना है.

सावन की बारिश में,
बच्चे बाहर खेलते हैं,
वे पानी से खेलते हैं,
वे गाते हैं,
और वे नाचते हैं.

सावन की बारिश में,
बच्चों के चेहरे पर खुशी होती है,
वे मस्ती करते हैं,
और वे आनंद लेते हैं.


सावन का महीना,
उमंग का महीना है,
यह महीना किसानों के लिए है,
यह महीना फसलों का महीना है.

सावन की बारिश से,
फसलें लहलहाती हैं,
पौधे उगते हैं,
और खेत हरियाली से भर जाते हैं.

सावन की बारिश से,
किसानों को खुशी होती है,
वे फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त करते हैं,
और वे जीवनयापन करते हैं.


यह भी पढ़ें: रक्षा बंधन पर शायरी - Raksha Bandhan Shayari in Hindi 2023 



सावन का महीना,
आशा का महीना है,
यह महीना सभी के लिए है,
यह महीना नए जीवन का महीना है.

सावन की बारिश से,
नए जीवन का जन्म होता है,
पौधे उगते हैं,
और पक्षी गाते हैं.

सावन की बारिश से,
सभी को उम्मीद होती है,
कि सब कुछ ठीक हो जाएगा,
और कि नई शुरुआत होगी.


सावन का महीना,
जीवन का महीना है,
यह महीना सभी के लिए है,
यह महीना प्यार का महीना है,
आनंद का महीना है,
उमंग का महीना है,
आशा का महीना है,
और नई शुरुआत का महीना है.

सावन का महीना,
सबके लिए एक खास महीना है,
यह महीना हमें प्यार, आनंद, उमंग, आशा, और नई शुरुआत देता है.

आइए हम सभी सावन के महीने का आनंद लें,
और इस महीने में प्यार, आनंद, उमंग, आशा, और नई शुरुआत करें.

बुधवार, 12 जुलाई 2023

Hariyali Amavasya 2023 करें ये काम घर मे होगी बरकत

जुलाई 12, 2023 0



हरियाली अमावस्या के दिन ये पौधे घर लाएं


हरियाली अमावस्या 2023: हरियाली अमावस्या का त्योहार हर साल सावन माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को है। हिंदू धर्म में हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व है। 

इस दिन स्नान और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को हर संकट से मुक्ति मिलती है और धन, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। 

वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में जानिए हरियाली अमावस्या के दिन कौन से 5 पौधे लगाकर भगवान शिव के साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा पाई जा सकती है।

तुलसी का पौधा

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में तुलसी का पौधा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। हरियाली अमावस्या के दिन तुलसी का पौधा लगाना अच्छा माना जाता है। इसे घर में लगाने से मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाना शुभ रहेगा।

मनी प्लांट

वास्तु के अनुसार घर में मनी प्लांट लगाना शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने से सुख-समृद्धि आती है। देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि मनी प्लांट की बेल जिस तेजी से बढ़ती है। साथ ही घर में धन-संपत्ति बढ़ती है।

शमी का पौधा

हरियाली अमावस्या के दिन शमी का पौधा लगाना शुभ होता है। शनिदेव के साथ-साथ शिव जी को भी शमी का पौधा अत्यंत प्रिय है। प्रतिदिन शिव जी को शमी के पौधे की पत्तियां चढ़ाने से सुख-समृद्धि आती है। साथ ही शनि दोष और पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार के बाईं ओर शमी का पौधा लगाना शुभ रहेगा। इसके अलावा इसे दक्षिण दिशा के अलावा पूर्व या उत्तर दिशा में भी लगा सकते हैं।


बांस का पौधा

बांस का पौधा घर में सकारात्मकता लाने और भाग्य चमकाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन घर में बांस का पौधा रखने से परिवार में खुशहाली आती है। साथ ही हर काम में सफलता मिलती है। उत्तर-पूर्व दिशा में बांस का पौधा लगाना अच्छा साबित हो सकता है। इसके अलावा इसे ऑफिस डेस्क पर रखने से भी शुभ परिणाम मिल सकते हैं।

बेल का पौधा

भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। इसे घर में लगाने से मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। घर में बेलपत्र का पेड़ लगाने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा अधिक उत्पन्न होती है। इसके अलावा बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से धन लाभ होता है। अगर आप इसे हरियाली अमावस्या के दिन अपने घर में लगा रहे हैं तो इसे उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ साबित हो सकता है।

मंगलवार, 11 जुलाई 2023

Uttarakhand mausam सावन में बारिस से हुआ बुरा हाल

जुलाई 11, 2023 0



उत्तराखंड मौसम: मूसलाधार बारिश बनी आफत, हरिद्वार में गंगा उफान पर; इन जिलों में आज भारी बारिश की चेतावनी

उत्तराखंड में पिछले सात दिनों से मूसलाधार बारिश जारी है। उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश आफत बन गई है. देहरादून में सोमवार रात से बारिश हो रही है. अगले दो दिनों तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है.

उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश आफत बन गई है। वहीं, ज्यादातर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश दर्ज की जा रही है. नदियों का बढ़ा जलस्तर आसपास के जनजीवन पर खतरा पैदा कर रहा है तथा जगह जगह पर भूस्खलन हो रहा है. देहरादून में सोमवार रात से बारिश हो रही है. जगह-जगह जलभराव है।

हरिद्वार में गंगा उफान पर है
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में अधिक बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा उफान पर है। हालांकि अभी यह चेतावनी स्तर 293 मीटर से 30 सेमी नीचे बह रही है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है. मूसलाधार बारिश जारी है और बारिश से जलभराव हो गया है.

कोटद्वार में नदियों का जलस्तर बढ़ा
कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार तड़के से ही इलाके में भारी बारिश हो रही है, जिससे नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. बारिश के कारण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। फिलहाल एनएच पर यातायात सुचारू है। लेकिन, बारिश के कारण चट्टानों से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है. भारी बारिश के कारण सुबह से ही इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित है.


कालापानी में भारी भूस्खलन
पिथौरागढ़ में चीन-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र में भारी बारिश से नाले उफान पर आ गए. कालापानी में नाले ने कहर बरपाया। कालापानी में उफनते नाले के कारण हुए भूस्खलन से पांच परिवारों की बकरियां मलबे में दब गई हैं। ग्रामीण बाल-बाल बच गए।

कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
देहरादून, नैनीताल समेत कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. इसके अलावा अन्य जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है.

सात दिनों से मूसलाधार बारिश जारी है
उत्तराखंड में पिछले सात दिनों से मूसलाधार बारिश जारी है. पहाड़ों से लेकर मैदानों तक मध्यम से भारी बारिश हो रही है और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन से जन जीवन प्रभावित हो रहा है. दून में सुबह धूप निकलने के बाद दोपहर में मौसम ने करवट बदली और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।


चारधाम समेत सभी ऊंचाई वाले इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। 24 घंटे के भीतर राज्य में विकास नगर, चकराता, त्यूनी क्षेत्र में सबसे अधिक 150 मिमी बारिश दर्ज की गई। लगातार बारिश के कारण अधिकतम तापमान में भी गिरावट जारी है. अधिकांश इलाकों में तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.

अगले दो दिन भारी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है. देहरादून,पौड़ी,टिहरी,नैनीताल,चंपावत और बागेश्वर में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना है।

गुरुवार, 6 जुलाई 2023

Kamika Ekadashi Vrat 2023 जानें मान्यता और महत्व |

जुलाई 06, 2023 0


कामिका एकादशी मनोकामना पूर्ण करने वाली है! जानिए सावन माह के इस व्रत की महिमा


सावन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का अपना विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, जो लोग इस खास दिन व्रत रखते हैं और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उन्हें पुण्य मिलता है।

इस बार कामिका एकादशी व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। कामिका एकादशी आषाढ़ कृष्ण पक्ष की पवित्र एकादशी मानी जाती है। अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सभी भक्त व्रत रखते हैं तथा भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

यह व्रत दशमी के दिन से प्रारंभ होकर द्वादशी तक चलता है। सभी भक्त दशमी के दिन से व्रत रखते हैं और द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद भोग लगाते हैं और अपना व्रत खोलते हैं।पापों से मुक्ति मिलती है।


इस दिन व्रत करने से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसलिए इसे कामिका एकादशी कहा जाता है। साथ ही इस व्रत से ब्रह्महत्या दोष का भी निवारण होता है। इस दिन व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस खास दिन पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत से मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है साथ ही भगवान विष्णु जी को पीली मिठाई और पीले वस्त्र अर्पित करें।

इस शुभ दिन पर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

बुधवार, 5 जुलाई 2023

Sawan में अपनी राशि अनुसार करें Shiv Pujan, मिलेगी दुखों और गृह दोषों से मुक्ति

जुलाई 05, 2023 0

अपनी राशि अनुसार करें शिव पूजन, मिलेगी दुखों और गृह दोषों से मुक्ति




आज 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है. श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। सावन के महीने में लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं। अगर आप सावन में राशि के अनुसार भगवान शिव की पूजा करेंगे तो वे जल्द प्रसन्न हो सकते हैं। साथ ही आपके ग्रह दोष भी शांत रहेंगे। आपकी राशि के लिए क्या है शिव पूजा की विधि? ये तो आप भी जानना चाहेंगे. आइए जानते हैं सावन में राशि के अनुसार शिव पूजा की विधि।

सावन में इस तरह राशि अनुसार करें शिव पूजन

मेष: आपकी राशि के लोगों को बेलपत्र, लाल चंदन और लाल फूल से भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। गुलाब जल में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर भगवान शिव का करें अभिषेक व ॐ नमः शिवाय मंत्र को जपें।

वृषभ: आपकी राशि के लोगों को सावन में गाय के दूध, दही, सफेद फूल, गंगा जल आदि से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। केवड़ा और दही से शिवलिंग का अभिषेक करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें या ॐ नागेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें.

मिथुन राशि: आपको श्रावण मास में भांग, धतूरा, कुश, मूंग और दूब से भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। जल में दही मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। गन्ने का रस भी चढ़ा सकते हैं. ॐ नमः शिवाय काल महाकाल काल कृपालम् ॐ नमः मंत्र का जाप करना लाभकारी रहेगा।

कर्क राशि: आपकी राशि के लोगों को सावन में भगवान शिव को सफेद फूल, चंदन, इत्र, गाय का दूध, भांग आदि चढ़ाना चाहिए। घी से रुद्राभिषेक करें। ॐ चंद्रमौलेश्वर नमः मंत्र का जाप आपके लिए शुभ रहेगा।

सिंह: सावन के महीने में जल में गुड़ मिलाकर भोलेनाथ का अभिषेक करें। मदार का फूल, गेहूं, लाल फूल चढ़ाएं। ॐ नमः शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः मंत्र का जाप करें। पूजा के समय महादेव के लिए घी का दीपक जलाएं।


कन्या राशि: आपकी राशि के जातकों को सावन के महीने में भांग, बेलपत्र, दूब, पान, धतूरा, गंगाजल आदि से भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। गन्ने का रस भी पिला सकते हैं. आपके लिए भी एक फलदायक मंत्र है ॐ नमः शिवाय काल महा काल काल कृपाल ॐ नमः।

तुला राशि: श्रावण मास में भगवान शिव को सफेद चंदन, गंगाजल, दही, शहद, श्रीखंड आदि चढ़ाएं। भगवान शिव का इत्र से अभिषेक करें या गंगाजल में चंदन मिलाकर चढ़ाएं। गाय के दूध व मिश्री मिलाकर शिव पूजन करें साथ ही ॐ नमः शिवाय मंत्र जपें।

वृश्चिक: सावन में भगवान भोलेनाथ को लाल गुलाब या कोई भी लाल फूल, बेलपत्र चढ़ाएं। इसे पंचामृत से बनाएं और इससे शिवलिंग का अभिषेक करें। ॐ हौं ॐ जूं सः मंत्र का जाप शुभ फल देगा। शिवजी आपकी मनोकामना पूरी करेंगे.

धनु राशि: सावन के महीने में भगवान शंकर को पीले फूल या पीले गुलाब, पीले फूलों की माला, बेलपत्र, पीला चंदन, मिश्री चढ़ाएं। गाय के दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें। बेसन की मिठाई भगवान शिव को अर्पित करें. ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नमः का जाप करें. शिव आपका कल्याण करेंगे.

मकर: आपकी राशि के लोग भगवान शिव को नीलकमल या नीले फूल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं। नारियल के पानी से शिवलिंग का अभिषेक करें। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं. ॐ हौं ॐ जूं सः मंत्र का जाप करें देवों के देव महादेव आपकी रक्षा करेंगे।

कुंभ: श्रावण मास में भगवान शिव को नीले फूल, शमी के पत्ते, गन्ने का रस, शमी के फूल आदि चढ़ाएं। तिल के तेल से महादेव का अभिषेक करें। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं। ॐ हौं ॐ जूं सः मंत्र आपके लिए लाभकारी रहेगा।


मीन राशि: आपकी राशि के जातकों को सावन में शिव पूजन के लिए पीले फूल, गन्ने का रस, केसर या केसर मिश्रित दूध का प्रयोग करना चाहिए। नागकेसर और पीली सरसों भी चढ़ा सकते हैं. दही-चावल का भोग लगाएं. ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नमः मंत्र का जाप करें