कामिका एकादशी मनोकामना पूर्ण करने वाली है! जानिए सावन माह के इस व्रत की महिमा
सावन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का अपना विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, जो लोग इस खास दिन व्रत रखते हैं और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उन्हें पुण्य मिलता है।
इस बार कामिका एकादशी व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। कामिका एकादशी आषाढ़ कृष्ण पक्ष की पवित्र एकादशी मानी जाती है। अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सभी भक्त व्रत रखते हैं तथा भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
यह व्रत दशमी के दिन से प्रारंभ होकर द्वादशी तक चलता है। सभी भक्त दशमी के दिन से व्रत रखते हैं और द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद भोग लगाते हैं और अपना व्रत खोलते हैं।पापों से मुक्ति मिलती है।
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इस दिन व्रत करने से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसलिए इसे कामिका एकादशी कहा जाता है। साथ ही इस व्रत से ब्रह्महत्या दोष का भी निवारण होता है। इस दिन व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस खास दिन पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत से मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है साथ ही भगवान विष्णु जी को पीली मिठाई और पीले वस्त्र अर्पित करें।
इस शुभ दिन पर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।