पीएम किसान योजना में जरूरी हुई किसान आईडी: अब इन 14 राज्यों में रजिस्ट्रेशन बिना इसके नहीं होगा
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली एक प्रमुख योजना है। इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को हर वर्ष ₹6,000 की सहायता तीन किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है।
हाल ही में इस योजना को लेकर एक बड़ा बदलाव सामने आया है, जिसमें “किसान आईडी” (Farmer ID) को अनिवार्य कर दिया गया है। अब बिना इस ID के किसान योजना के तहत नए रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे। सरकार ने यह नियम फिलहाल देश के 14 राज्यों में लागू किया है, और आगे इसे पूरे देश में लागू किए जाने की तैयारी है।
किसान आईडी क्या है?
किसान आईडी, एक डिजिटल पहचान पत्र है जो हर किसान को यूनिक कोड के रूप में दिया जाता है। इसमें किसान की व्यक्तिगत जानकारी के साथ-साथ भूमि का विवरण, फसलों की जानकारी, और अन्य कृषि से जुड़ी जानकारी डिजिटल रूप में मौजूद होती है।
यह ID आधार कार्ड और जमीन रिकॉर्ड से लिंक की जाती है ताकि यह तय किया जा सके कि जो व्यक्ति योजना के लिए आवेदन कर रहा है, वह वास्तव में खेती कर रहा है या नहीं। इसका मुख्य उद्देश्य है पात्र किसानों की सही पहचान और योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाना।
क्यों जरूरी हो गई है किसान आईडी?
पिछले कुछ वर्षों में सामने आया कि कई ऐसे लोग भी पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे थे, जिनके पास खेती की ज़मीन नहीं थी। कुछ मामलों में मृत किसानों के नाम पर भी पैसा ट्रांसफर हुआ। इन गड़बड़ियों से निपटने के लिए सरकार ने डिजिटल समाधान के रूप में किसान आईडी लागू करने का निर्णय लिया है। इससे न सिर्फ फर्जीवाड़ा रुकेगा, बल्कि असली किसानों को योजना का लाभ समय पर और सही तरीके से मिल सकेगा।
किन 14 राज्यों में लागू हुआ यह नियम?
सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इस बदलाव को लागू करना शुरू किया है। पहले 10 राज्यों में यह अनिवार्य किया गया, और अब 14 राज्यों में यह नियम लागू हो चुका है। जिन प्रमुख राज्यों में Farmer ID के बिना रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता, वे हैं:
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उत्तर प्रदेश
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मध्य प्रदेश
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महाराष्ट्र
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राजस्थान
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बिहार
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गुजरात
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ओडिशा
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आंध्र प्रदेश
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छत्तीसगढ़
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असम
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झारखंड
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हरियाणा
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उत्तराखंड
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तेलंगाना
इन राज्यों से आने वाले लाभार्थी देश के कुल PM-Kisan लाभार्थियों का बड़ा हिस्सा हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में सबसे पहले इसे लागू किया गया।
पुराने लाभार्थियों पर क्या असर पड़ेगा?
जो किसान पहले से इस योजना में रजिस्टर्ड हैं और लाभ ले रहे हैं, उन्हें भी अब अपना Farmer ID नंबर बनवाना होगा और उसे अपने रजिस्ट्रेशन से लिंक कराना होगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि आगे चलकर किस्त का पैसा केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी पहचान और जमीन की जानकारी Farmer ID के जरिए सत्यापित हो चुकी होगी।
किसान आईडी कैसे बनवाएं?
किसान आईडी बनवाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन किया जा सकता है:
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राज्य की कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाएं
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"Farmer Registration" या "Farmer ID" के विकल्प को चुनें
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अपना आधार नंबर दर्ज करें
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भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी जानकारी भरें
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जांच के बाद ID जनरेट हो जाएगी
इसके अलावा कई राज्यों में CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से भी किसान ID बनवाई जा सकती है।
किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?
किसान ID बनवाते समय कुछ जरूरी दस्तावेज लग सकते हैं, जैसे:
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आधार कार्ड
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भूमि का दस्तावेज (पट्टा/खसरा/खतौनी)
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बैंक खाता विवरण
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मोबाइल नंबर
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पासपोर्ट साइज फोटो
इससे क्या फायदे होंगे?
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योजना में पारदर्शिता: अब केवल असली किसान ही योजना में शामिल हो सकेंगे।
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डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का सुधार: पैसा सीधे उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसके नाम पर जमीन है।
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फर्जीवाड़ा होगा खत्म: पहले जो गड़बड़ियाँ सामने आई थीं, वो अब संभव नहीं होंगी।
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अन्य सरकारी योजनाओं से लिंक: एक ही ID के माध्यम से किसान को अन्य योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
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डिजिटल कृषि का आधार: इससे भविष्य में "Digital Agriculture" को बढ़ावा मिलेगा।
क्या चुनौतियाँ हैं?
हालांकि यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन कुछ राज्यों में अभी भी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल नहीं हुए हैं या जमीन का रिकॉर्ड आधार से लिंक नहीं है। ऐसे में किसानों को ID बनवाने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा ग्राम स्तर पर तकनीकी जानकारी की कमी भी एक बाधा है।
सरकार को चाहिए कि वह किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण और सहायता केंद्र मुहैया कराए ताकि यह प्रक्रिया आसान बन सके।
आने वाले समय में क्या बदलाव हो सकते हैं?
सरकार की योजना है कि आने वाले महीनों में पूरे देश में Farmer ID को अनिवार्य कर दिया जाए। साथ ही इसे पीएम किसान योजना के अलावा किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना और खाद सब्सिडी जैसी योजनाओं से भी जोड़ने की तैयारी है। इससे किसान को एक ही पहचान से सभी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
निष्कर्ष
किसान आईडी को अनिवार्य करने का निर्णय एक बड़ा और जरूरी कदम है, जिससे न सिर्फ योजनाओं का लाभ सही किसानों तक पहुँचेगा, बल्कि पूरी कृषि व्यवस्था में पारदर्शिता और डिजिटल सुविधा भी बढ़ेगी।
जिन किसानों ने अभी तक अपनी ID नहीं बनवाई है, उन्हें जल्द से जल्द इसे बनवाना चाहिए ताकि आगे की किस्तों में कोई रुकावट न आए। यह सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि किसान की डिजिटल पहचान है, जो भविष्य में उनकी कृषि से जुड़ी हर योजना में उपयोगी साबित होगी।

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