पीएम किसान योजना के नए पात्रता मानदंड लाखों किसानों को कैसे प्रभावित करेंगे

पीएम किसान योजना के नए पात्रता मानदंड लाखों किसानों को कैसे प्रभावित करेंगे लाखों किसानों को नहीं मिलेगा स्कीम का लाभ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना भारत सरकार द्वारा किसानों को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को उनके कृषि कार्यों में सहायता प्रदान करना था, ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकें और कृषि में आ रही चुनौतियों का सामना कर सकें।

लेकिन अब पीएम किसान सम्मान निधि योजना में कुछ नए बदलाव किए गए हैं, जिसके कारण लाखों किसान इस योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं। इन बदलावों के पीछे सरकार का उद्देश्य इस योजना को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है, लेकिन इसके कारण कुछ किसानों को इससे बाहर भी किया जा सकता है। आइए, हम विस्तार से जानते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और किस तरह लाखों किसानों को इसका नुकसान हो सकता है।

PM Kisan Samman Nidhi Scheme


1. योजना की पात्रता में बदलाव

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ केवल उन किसानों को मिलता है जो इसके लिए पात्र होते हैं। अब कुछ नए पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिनके अनुसार किसानों को योजना का लाभ मिलेगा या नहीं।

कुछ प्रमुख बदलावों में शामिल हैं:

  • आय सीमा: अब योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय एक निश्चित सीमा से कम है। पहले इस योजना का लाभ किसी भी किसान को मिल सकता था, चाहे उसकी आय कितनी भी हो, लेकिन अब सरकार ने उच्च आय वाले किसानों को बाहर करने का निर्णय लिया है। इसके तहत वे किसान जो उच्च आय वाले श्रेणी में आते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

  • भूमि की सीमा: सरकार ने तय किया है कि केवल वही किसान जो छोटे और सीमांत किसान के रूप में वर्गीकृत हैं, वही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। यानी जिन किसानों के पास ज्यादा भूमि है, उन्हें इस योजना से बाहर रखा जाएगा। इससे बड़े किसान और कृषि उद्योगों के मालिक इस योजना के दायरे से बाहर हो जाएंगे।

2. आधार कार्ड और बैंक खाता लिंकिंग

पीएम किसान सम्मान निधि योजना में एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि किसानों को योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। कई किसानों के पास आधार कार्ड और बैंक खाता तो है, लेकिन वे इन्हें सही तरीके से लिंक नहीं करवा पाए हैं, जिससे उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।

सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने का दावा किया है, लेकिन अभी भी कई दूरदराज के क्षेत्रों में इस प्रक्रिया में समस्याएँ आ रही हैं। कई किसानों के पास आधार कार्ड तो है, लेकिन उनके डेटा में गड़बड़ी या नामों में mismatch होने के कारण वे योजना से बाहर हो सकते हैं।

3. ई-केवाईसी का अनिवार्य होना

अब किसानों को अपनी पहचान और ब्योरे को अपडेट करने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से की जाती है, लेकिन कई छोटे और सीमांत किसान, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले, तकनीकी रूप से इस प्रक्रिया को समझने और पूरा करने में सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे किसान इस प्रक्रिया में विफल हो सकते हैं और उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।

4. गलत जानकारी देने वालों को बाहर किया जाएगा

इस योजना में एक और अहम बदलाव यह है कि यदि कोई किसान गलत जानकारी प्रदान करता है या योजना के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा। पहले कुछ किसानों ने सरकारी दस्तावेजों में गलत जानकारी देकर इस योजना का लाभ लिया था। अब इस योजना में सख्त निगरानी और सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे फर्जी लाभार्थियों को बाहर किया जा सकेगा। इसके कारण कुछ किसानों को योजना का लाभ मिलने में रुकावट आ सकती है।

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5. योजना की जांच और निगरानी में वृद्धि

सरकार ने योजना के तहत गलत लाभ लेने वाले किसानों की पहचान करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया है। अब हर राज्य सरकारों को इस योजना के लाभार्थियों का पूरा डेटा और सत्यापन रिकॉर्ड रखना होगा। यदि कोई किसान पात्र नहीं पाया जाता है, तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा। इससे कुछ किसान जो गलत तरीके से योजना का लाभ ले रहे थे, वह अब बाहर हो सकते हैं।

6. लाखों किसान बाहर होंगे

इन बदलावों के परिणामस्वरूप लाखों किसान, जिनकी आय, भूमि या जानकारी किसी कारण से ठीक से सत्यापित नहीं हो पाई है, योजना के लाभ से बाहर हो सकते हैं। इनमें वे किसान शामिल हैं जो पहले से योजना का लाभ प्राप्त कर रहे थे, लेकिन नए पात्रता मानदंडों के तहत वे अब पात्र नहीं माने जाएंगे। इसके अलावा, कुछ ऐसे किसान भी हो सकते हैं जिन्होंने अपनी जानकारी अद्यतन नहीं की है या उनकी ई-केवाईसी नहीं हो पाई है।

7. चिंताएँ और प्रतिक्रियाएँ

किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने इस बदलाव पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कदम छोटे और गरीब किसानों के लिए नुकसानदायक हो सकता है, जो पहले ही कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार को इस योजना की पात्रता में बदलाव करने से पहले किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी, ताकि उनकी वास्तविक स्थिति को सही से समझा जा सके।

किसान संगठनों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इस योजना से लाखों किसान बाहर होते हैं तो उनकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ सकती है, खासकर उन किसानों के लिए जो पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं या जिन्हें खेती से पर्याप्त आय नहीं मिल रही है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किए गए बदलाव निश्चित रूप से सरकार के प्रयासों को दिखाते हैं कि वह योजना को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना चाहती है। हालांकि, इन बदलावों के कारण लाखों किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। ऐसे में सरकार को इस योजना में सुधार करने और सही तरीके से पात्र किसानों तक सहायता पहुँचाने के उपायों पर विचार करना होगा। साथ ही, किसानों के लिए सरल और अधिक सुलभ प्रक्रियाओं को लागू करना जरूरी है ताकि वे किसी भी कारण से योजना से बाहर न हो जाएं।

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