शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

पितृ अमावस्या और सूर्यग्रहण के बुरे प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है।




pitra अमावस

पितृ अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के प्रभाव

पितृ अमावस्या को पितृ पक्ष की समाप्ति का दिन माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। पितृ अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने पर इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। इसलिए इस दिन पितृ अमावस्या पड़ने पर शनिदेव का प्रभाव भी बढ़ जाता है।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इस दिन पितरों के लिए किए गए श्राद्ध कर्मों का कई गुना फल मिलता है। शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने से शनि दोष से भी मुक्ति मिल सकती है।

सूर्यग्रहण से होने वाले नुकसान

सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर देता है। सूर्यग्रहण को शुभ और अशुभ दोनों माना जाता है।

सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी में कुछ विषैले तत्व होते हैं, जो मानव शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी से बचना चाहिए। सूर्यग्रहण के दौरान शराब, मांस, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। सूर्यग्रहण के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

सूर्यग्रहण के दौरान होने वाले संभावित नुकसान

  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी से आंखों, त्वचा और शरीर के अन्य अंगों को नुकसान हो सकता है।
  • आर्थिक नुकसान: सूर्यग्रहण के दौरान आर्थिक नुकसान होने की आशंका रहती है।
  • पारिवारिक समस्याएं: सूर्यग्रहण के दौरान पारिवारिक कलह और विवाद हो सकते हैं।
  • दुर्घटनाएं: सूर्यग्रहण के दौरान दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

सूर्यग्रहण के दौरान बचाव के उपाय

  • सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी से बचें।
  • सूर्यग्रहण के दौरान शराब, मांस, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें।
  • सूर्यग्रहण के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू न करें।
  • सूर्यग्रहण के दौरान दान-पुण्य करें।

शनिश्चरी अमावस्या और सूर्यग्रहण के दिन किए जाने वाले उपाय

  • शनिश्चरी अमावस्या और सूर्यग्रहण के दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करें।
  • शनिश्चरी अमावस्या और सूर्यग्रहण के दिन शनिदेव की पूजा करें।
  • शनिश्चरी अमावस्या और सूर्यग्रहण के दिन दान-पुण्य करें।

इन उपायों से पितृ अमावस्या और सूर्यग्रहण के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है।

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