अहोई अष्टमी 2022
अहोई अष्टमी एक शुभ त्योहार है उत्साह के साथ मनाया जाता है।
भारत में यह त्यौहार दिवाली से लगभग 8 दिन पहले और करवा चौथ के 4 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार को अहोई 8 के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह अष्टमी तिथि या महीने के आठ दिनों में आता है। इस वर्ष यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष यानि 17 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा।
इस दौरान माताएं अहोई अष्टमी के दिन संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त, ज्योतिष के अनुसार पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.14 बजे से शाम 7.28 बजे तक है. शाम को तारों को देखने का समय शाम 6 बजकर 36 मिनट है।
व्रत और पूजा की विधि ज्योतिष के अनुसार अहोई माता की पूजा रोली, चावल और दूध से की जाती है। इसके बाद कलश में जल भरकर महिलाएं अहोई अष्टमी की कथा सुनती हैं। इस दौरान अहोई माता को पूरी और कुछ मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं। इसके बाद रात्रि में तारों को अर्घ्य देकर संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करते हुए भोजन ग्रहण करती हैं।
ये गलतियां न करें:- व्रत के दिन माताएं इस बात का ध्यान रखें कि वे मिट्टी से संबंधित कोई भी कार्य न करें।
व्रत के दौरान किसी नुकीली चीज को न छुएं। इस दिन सिलाई आदि का कार्य नहीं करना चाहिए।
इस दिन परिवार में विवाद या झगड़ों से बचना चाहिए। साथ ही किसी को गाली न दें। उपवास से पहले सोना मना है। नक्षत्रों को अर्घ्य देते समय धातु का ध्यान रखें। इस दिन लोहे के बने लोटे का प्रयोग करें। तांबे का प्रयोग वर्जित है। इस दिन परिवार के लिए केवल सात्विक भोजन ही पकाएं।