प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत!
भारत सरकार ने देश के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना, "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana - PMDDKY) को मंजूरी दे दी है। यह योजना, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई थी, देश के 100 कम उत्पादकता वाले कृषि जिलों पर केंद्रित है और इसका लक्ष्य कृषि उत्पादन में वृद्धि, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से जोड़ना है। लगभग 1.7 करोड़ किसानों को इस योजना से सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे उनके जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव आएगा।
योजना का उद्देश्य और महत्व:
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य देश के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाना है। यह योजना उन जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी जहाँ कृषि उत्पादकता कम है और किसानों को पर्याप्त आय नहीं मिल पा रही है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
कृषि उत्पादकता में वृद्धि: उन्नत कृषि तकनीकों, गुणवत्ता वाले बीजों और आधुनिक उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देकर फसल उत्पादन में वृद्धि करना।
फसल विविधीकरण को बढ़ावा: किसानों को पारंपरिक फसलों के बजाय विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना, जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर हो और बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन हो सके।
जलवायु-अनुकूल कृषि: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करना।
कटाई के बाद की भंडारण क्षमता में वृद्धि: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण सुविधाओं को बेहतर बनाना ताकि कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार: सिंचाई के लिए आधुनिक और कुशल तकनीकों को बढ़ावा देना ताकि पानी का सदुपयोग हो सके और किसानों को पर्याप्त पानी मिल सके।
कृषि ऋण तक पहुंच बढ़ाना: किसानों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक कृषि ऋण आसानी से उपलब्ध कराना ताकि वे खेती में निवेश कर सकें।
किसानों की आय में वृद्धि: इन सभी उपायों के माध्यम से किसानों की लागत को कम करना और उनकी आय को बढ़ाना, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
स्थानीय आजीविका का सृजन: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम: घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर और कृषि क्षेत्र को मजबूत करके देश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाना।
योजना का कार्यान्वयन और कवरेज:
यह योजना अगले छह वर्षों (2025-26 से शुरू) तक लागू की जाएगी, जिसके लिए सालाना लगभग ₹24,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इसका कार्यान्वयन विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की 36 मौजूदा कृषि योजनाओं को एकीकृत करके किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारों की योजनाएं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय भागीदारी भी इसमें शामिल होगी।
योजना के तहत 100 जिलों का चयन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा:
कम फसल उत्पादकता: ऐसे जिले जहां प्रति हेक्टेयर फसल का उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है।
कम फसल गहनता (Cropping Intensity): ऐसे जिले जहां एक वर्ष में एक ही भूमि पर कई फसलें नहीं उगाई जाती हैं।
औसत से कम कृषि ऋण वितरण: ऐसे जिले जहां किसानों को पर्याप्त कृषि ऋण नहीं मिल पाता है।
प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या निवल फसली क्षेत्र (Net Cropped Area) और परिचालन जोत (Operational Holdings) के हिस्से के आधार पर निर्धारित की जाएगी। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया जाए।
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए बहुआयामी लाभ प्रदान करेगी:
आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग: किसानों को उन्नत बीज, उर्वरक और आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्हें वैज्ञानिक खेती के तरीकों और नवीनतम तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपनी उपज बढ़ा सकें।
फसल विविधीकरण से बेहतर आय: किसानों को नकदी फसलों, बागवानी और अन्य उच्च-मूल्य वाली फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे उनकी बाजार पहुंच बढ़ेगी और उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।
पशुपालन और संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा: बकरी पालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन जैसी संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों की आय के अतिरिक्त स्रोत बन सकें।
बेहतर भंडारण सुविधाएं: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर नए भंडारण गोदाम और कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। इससे किसान अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रख पाएंगे और बाजार में उचित मूल्य मिलने पर बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बिचौलियों के शोषण से मुक्ति मिलेगी।
सिंचाई का सुदृढीकरण: नई सिंचाई परियोजनाओं, चेक डैम और सौर ऊर्जा आधारित पंपों के माध्यम से सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। सूक्ष्म-सिंचाई जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे पानी की बर्बादी कम हो और फसल को पर्याप्त पानी मिले।
आसान ऋण उपलब्धता: किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना का विस्तार किया जाएगा और किसानों को कम ब्याज दरों पर आसानी से ऋण मिलेगा। इससे उन्हें बीज, खाद और उपकरण खरीदने में आसानी होगी।
बाजार पहुंच में सुधार: किसानों को अपनी उपज सीधे बाजार तक पहुंचाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके।
मौसम संबंधी जानकारी: किसानों को मौसम के पूर्वानुमान और कृषि संबंधी सलाह के लिए एक समर्पित मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जो क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री प्रदान करेगा।
क्षमता निर्माण: किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि वे नई तकनीकों और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को सीख सकें।
निगरानी और मार्गदर्शन: नीति आयोग और कृषि विश्वविद्यालयों के समर्थन से जिला स्तर पर योजनाएं तैयार की जाएंगी। प्रत्येक धन-धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों पर मासिक आधार पर एक डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज:
चूंकि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना विभिन्न मौजूदा योजनाओं का एकीकरण है, इसलिए इसके तहत विशिष्ट घटकों के लिए आवेदन प्रक्रिया भिन्न हो सकती है। आम तौर पर, किसानों को अपने निकटतम कृषि विभाग कार्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से जानकारी प्राप्त करनी होगी।
आवश्यक दस्तावेजों में सामान्यतः शामिल हो सकते हैं:
आधार कार्ड
पहचान पत्र (जैसे मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड)
बैंक खाता विवरण (जन धन योजना के तहत खोला गया खाता प्राथमिकता में हो सकता है, हालाँकि कोई भी बैंक खाता मान्य होगा)
भूमि स्वामित्व के दस्तावेज (खसरा, खतौनी आदि)
निवास प्रमाण पत्र
पासपोर्ट आकार की तस्वीरें
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) एक अलग वित्तीय समावेशन योजना है जो बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना कृषि उत्पादकता और विकास पर केंद्रित है, लेकिन PMJDY के तहत खोले गए बैंक खाते इस योजना के तहत वित्तीय लाभ प्राप्त करने में सहायक होंगे।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि कृषि को टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी है। 100 जिलों पर ध्यान केंद्रित करके और विभिन्न योजनाओं को एकीकृत करके, सरकार का लक्ष्य कृषि उत्पादकता में सुधार करना, ग्रामीण आजीविका को मजबूत करना और देश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना निश्चित रूप से किसानों को एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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