सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

Ram Navami के दिन सिद्धिदात्री देवी की Pooja का महत्व,साथ ही जाने क्या थी भगवान राम की शिक्षा


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राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी का पर्व

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी का पर्व भी मनाया जाता है। सिद्धिदात्री देवी नवदुर्गा की नौवीं शक्ति हैं। इनकी पूजा से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

राम नवमी के दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा का महत्व

राम नवमी के दिन भगवान राम के जन्म के साथ-साथ सिद्धिदात्री देवी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही, जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा विधि

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा विधि निम्नलिखित है:

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • अपने घर या मंदिर में सिद्धिदात्री देवी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • देवी को लाल रंग के फूल, अक्षत, रोली, हल्दी, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • देवी की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
  • देवी से अपने सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी के मंत्र

  • सिद्धिदात्री देवी का मंत्र:

सिद्धिदात्री नमस्तुभ्यं सिद्धिदायिनि सदा। नतोऽसि मे सिद्धिदात्री त्रिभुवन सुखदे॥

  • सिद्धिदात्री देवी की आरती:

**जय सिद्धिदात्री जय माँ भवानी, तुम ही हो अर्द्धांगी महादेवी। तीनों गुणमय रूप तुम्हारा, तीनों लोकों में तुम ही सार।

तुम ही आदि शक्ति तुम ही अन्त शक्ति, तुम ही व्यापक शक्ति तुम ही अंतर्यामी। तुम ही निराकार तुम ही साकार, तुम ही शुद्ध ज्ञान तुम ही त्रिगुणमयी।

जय सिद्धिदात्री जय माँ भवानी, तुम ही हो अर्द्धांगी महादेवी।**

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा के लाभ

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • जीवन में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
  • बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
  • जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

राम नवमी और नवरात्रि के दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा सभी भक्तों के लिए शुभ और मंगलकारी होती है। इस दिन देवी की पूजा करने से सभी भक्तों को सिद्धियां प्राप्त होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

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राम नवमी पर भगवान राम की शिक्षा

राम नवमी हिन्दू धर्म में भगवान राम के जन्म का त्योहार है। इस दिन भगवान राम के जन्म की कथा सुनी जाती है और उनकी पूजा की जाती है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में सभी धर्मों और आदर्शों का पालन किया। उनके जीवन से हमें बहुत सी शिक्षाएं मिलती हैं, जिनका अनुसरण करके हम एक अच्छा इंसान बन सकते हैं।

भगवान राम की शिक्षाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • धर्म और मर्यादा का पालन करना: भगवान राम ने हमेशा धर्म और मर्यादा का पालन किया। उन्होंने कभी भी गलत काम नहीं किया और हमेशा सत्य और न्याय के मार्ग पर चले।
  • सदाचार और आदर्शों का पालन करना: भगवान राम ने हमेशा सदाचार और आदर्शों का पालन किया। उन्होंने कभी भी क्रोध, मोह या ईर्ष्या जैसी भावनाओं को नहीं आने दिया।
  • दया और करुणा: भगवान राम ने हमेशा दया और करुणा का भाव रखा। उन्होंने कभी भी किसी को दुःख नहीं दिया और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए आगे रहे।
  • सत्य और न्याय: भगवान राम हमेशा सत्य और न्याय के पक्ष में रहे। उन्होंने कभी भी झूठ नहीं बोला और हमेशा गलत पर सही की जीत सुनिश्चित की।
  • वीरता और साहस: भगवान राम एक महान योद्धा थे। उन्होंने हमेशा अपने देश और लोगों की रक्षा के लिए साहस और वीरता का प्रदर्शन किया।
  • त्याग और समर्पण: भगवान राम ने हमेशा अपने परिवार और लोगों के लिए त्याग और समर्पण किया। उन्होंने कभी भी अपने स्वार्थ के लिए कुछ नहीं किया और हमेशा दूसरों की भलाई के लिए काम किया।

राम नवमी के दिन भगवान राम की इन शिक्षाओं को याद करके हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। हम अपने जीवन में धर्म और मर्यादा का पालन करके, सदाचार और आदर्शों का पालन करके, दया और करुणा का भाव रखकर, सत्य और न्याय के पक्ष में रहकर, वीरता और साहस का प्रदर्शन करके, और त्याग और समर्पण का भाव रखकर एक अच्छा इंसान बन सकते हैं।

राम नवमी के दिन भगवान राम की पूजा और उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन में खुशहाली और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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