मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023

Durga Kavch: जानें Navratri में दुर्गा कवच पढ़ने की विधि और लाभ?

maa durga


दुर्गा कवच एक संस्कृत श्लोकों का संग्रह है जो देवी दुर्गा की स्तुति करते हैं। यह मार्कंडेय पुराण का एक हिस्सा है और इसे भगवान ब्रह्मा ने ऋषि मार्कंडेय को बताया था। दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • आध्यात्मिक लाभ: दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह उसे देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति में सहायता करता है।
  • भौतिक लाभ: दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति को भौतिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। यह उसे सभी प्रकार की बुरी शक्तियों से बचाता है और उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाता है। यह उसे धन, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त करने में भी मदद करता है।

दुर्गा कवच का पाठ करने के कुछ विशिष्ट लाभों में शामिल हैं:

  • नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति के आसपास एक सुरक्षा कवच बन जाता है जो उसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। यह उसे बुरी नजर, टोना-टोटका और अन्य प्रकार के नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। यह उसे कठिन परिस्थितियों का सामना करने में मदद करता है और उसे सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।
  • असाध्य रोगों से मुक्ति: दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति को असाध्य रोगों से मुक्ति मिल सकती है। यह उसे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करता है।
  • सफलता और समृद्धि: दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति को सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है और उसे जीवन में खुशहाली प्राप्त करने में सहायता करता है।

दुर्गा कवच का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, इसे सुबह या शाम के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है। दुर्गा कवच का पाठ करने से पहले स्नान करना और शुद्ध कपड़े पहनना चाहिए। इसके बाद, एक शांत स्थान पर बैठें और देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दुर्गा कवच का पाठ करें। दुर्गा कवच का पाठ करने के लिए किसी विशेष मंत्र की आवश्यकता नहीं होती है। इसे सामान्य भाषा में भी पढ़ा जा सकता है।

दुर्गा कवच एक शक्तिशाली साधन है जो व्यक्ति को कई लाभ प्रदान कर सकता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से लाभ प्राप्त होते हैं।

दुर्गा कवच का पाठ

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्॥

पंचमं स्कन्दमाता षष्ठं कात्यायनी तथा।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्॥

नवमं सिद्धिदात्री च दशमं महामाया।
एकादशं भद्रकाली द्वादशं चाष्टभुजा॥

तेषां नामानि जपन् नित्यं मम वशवर्तिनी।
भवेत् सा देवी सर्वदा पाठेनैव सिद्धिदा॥

॥फलश्रुति॥

यः कश्चित् सुमुखी भक्त्या पठेदेतत् कवचं।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति नात्र कार्या कर्मसु चंचलता॥

असौ भक्त्या मत्प्रसादात् सर्वसिद्धिमवाप्नुयात्।
यः कश्चित् सुमुखी भक्त्या पठेदेतत् कवचं॥

॥इति श्रीदुर्गा कवचं समाप्तम्॥

नवरात्रि में दुर्गा कवच पढ़ने से व्यक्ति को निम्नलिखित विशिष्ट लाभ भी प्राप्त होते हैं

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नवरात्रि में दुर्गा कवच पढ़ने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं। इसे नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों तरह से लाभ प्राप्त होते हैं।

नवरात्रि में दुर्गा कवच पढ़ने के कुछ सुझाव:

  • नवरात्रि के पहले दिन से ही दुर्गा कवच का पाठ शुरू कर दें।
  • दुर्गा कवच का पाठ करने से पहले स्नान करें और शुद्ध कपड़े पहनें।
  • एक शांत स्थान पर बैठें और देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दुर्गा कवच का पाठ करें।
  • दुर्गा कवच का पाठ ध्यान लगाकर करें।
  • यदि आप दुर्गा कवच का पाठ नहीं कर सकते हैं, तो आप इसे सुन भी सकते हैं।


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