शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2022

Tulsi Vivah 2022: करें ये आसान उपाय, दांपत्य जीवन में आ रही बाधाएं दूर होंगी



तुलसी विवाह 2022: करें ये आसान उपाय


मान्यता अनुसार दांपत्य जीवन में आ रही बाधाएं दूर होंगी




तुलसी विवाह 2022 दिनांक और समय

तुलसी विवाह 2022 कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाया जाता है। इस वर्ष तुलसी विवाह 4 नवंबर शुक्रवार को है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं। 

यानी 4 नवंबर को देव उठानी एकादशी है. तुलसी विवाह के दिन कुछ विशेष उपाय करने से दांपत्य जीवन की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। इन उपायों के साथ ही पति-पत्नी के बीच प्रेम भी बढ़ता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से घर में अपार सुख-समृद्धि आती है।

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त 2022

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की यह एकादशी तिथि 03 नवंबर 2022 को सायं 07:30 बजे से प्रारंभ होगी. एकादशी तिथि 04 नवंबर को सायं 06:08 बजे समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार 04 नवंबर को एकादशी का व्रत रखा जाएगा. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को वैवाहिक जीवन में सुख का कारक माना गया है। 


प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उन्हें जगाने के लिए कहा जाता है। इस दिन किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान इस प्रकार हैं-

देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इसके साथ ही घर की सफाई कर स्नान आदि से निवृत्त होकर आंगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनानी चाहिए। इसके बाद एक अंडाकार में गेरू से चित्र बनाकर उस स्थान पर फल, मिठाई, बेर, सिंघाड़ा, मौसमी फल और गन्ना रखें और उस स्थान को डली से ढक दें। 

ऐसी मान्यता है कि इस दिन दिवाली की तरह ही घर के अंदर और बाहर दीपक जलाना चाहिए। रात्रि में परिवार सहित भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद शंख, घड़ियाल आदि बजाना शुभ माना जाता है। चूंकि उसी समय भगवान विष्णु को यह कहते हुए जगाने के लिए कहा जाना चाहिए - "उठो देवा, बैठा देवा, अंगुरिया चटकाओ देवा, नया कपास, नया कपास, देव ने कार्तिक मास को उठाया"

सुखी वैवाहिक जीवन के ज्योतिषीय उपाय

जिन लोगों को दाम्पत्य जीवन में कुछ परेशानी है, उन्हें तुलसी विवाह के दिन कुछ उपाय करने चाहिए। ये उपाय दांपत्य जीवन को प्यार और खुशियों से भर देंगे। इसके लिए पति-पत्नी को तुलसी विवाह के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। 

यदि यह संभव न हो तो घर में पवित्र नदी के जल में स्नान करें। इसके बाद तुलसी के पत्तों को साफ पानी में डाल दें और कुछ देर बाद इस पानी को पूरे घर में छिड़क दें।


नकारात्मकता दूर होती है और पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है। तुलसी विवाह में पति-पत्नी को एक साथ शामिल होना चाहिए। तुलसी को लाल चुनरी और सोलह आभूषण चढ़ाएं। तुलसी विवाह घर पर ही करें। ऐसा करने से दांपत्य जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।


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