सोमवार, 4 दिसंबर 2023

जल्द ही आप Instagram की Reels में Lyrics को कर सकेंगे Add ये होगा सही तरीका ?

दिसंबर 04, 2023 0


insta reels lyrics updates

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Instagram स्टोरीज की तरह ही Reels में भी लिरिक्स को इस्तेमाल किया जा सकेगा। Instagram ने हाल ही में एक अपडेट जारी किया है, जिसमें Reels में लिरिक्स को जोड़ने की सुविधा शामिल है। इस सुविधा के साथ, उपयोगकर्ता अपने Reels में किसी भी गाने के लिरिक्स को जोड़ सकते हैं। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को अपने Reels को और भी अधिक आकर्षक और मनोरंजक बनाने में मदद करेगी।

Instagram Reels में लिरिक्स को जोड़ने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. Instagram Reels में एक नई Reel बनाने के लिए, "+" बटन पर टैप करें।
  2. एक गाना चुनें और अपने Reels में जोड़ें।
  3. "Lyrics" टैब पर टैप करें।
  4. गाने के लिरिक्स चुनें और उन्हें अपनी Reels में जोड़ें।
  5. अपने Reels को संपादित करें और प्रकाशित करें।

Instagram Reels में लिरिक्स को जोड़ने के लिए, उपयोगकर्ताओं को किसी भी तीसरे पक्ष के ऐप या टूल का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। यह सुविधा Instagram के मूल ऐप में उपलब्ध है।

Instagram Reels में लिरिक्स को जोड़ने की सुविधा अभी भी विकास के अधीन है, और यह सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही यह सुविधा सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

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Instagram स्टोरीज की तरह ही Reels में भी लिरिक्स को इस्तेमाल कर सकेंगे तो इसके कई लाभ होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • Reels को अधिक आकर्षक और मनोरंजक बनाना: लिरिक्स को जोड़ने से Reels को अधिक आकर्षक और मनोरंजक बनाया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को अपने Reels को संगीत के साथ सिंक्रोनाइज़ करने और उन्हें अधिक रचनात्मक बनाने की अनुमति देता है।
  • Reels को अधिक समझने योग्य बनाना: लिरिक्स को जोड़ने से Reels को अधिक समझने योग्य बनाया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को गाने के बोल को समझने और उन्हें अपने Reels के साथ बेहतर तरीके से जोड़ने की अनुमति देता है।
  • Reels के लिए नए अवसर पैदा करना: लिरिक्स को जोड़ने से Reels के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं। यह उपयोगकर्ताओं को संगीत के साथ अधिक रचनात्मक होने और अपने Reels को एक अलग तरीके से प्रस्तुत करने की अनुमति देता है।

कुछ विशिष्ट उदाहरणों में शामिल हैं:

  • एक कलाकार अपने Reels में अपने गाने के लिरिक्स जोड़कर अपने संगीत को बढ़ावा दे सकता है।
  • एक छात्र अपने Reels में अपने पसंदीदा गाने के लिरिक्स जोड़कर अपने शौक को साझा कर सकता है।
  • एक व्यवसाय अपने Reels में अपने उत्पादों या सेवाओं के बारे में जानकारी देने के लिए लिरिक्स का उपयोग कर सकता है।

कुल मिलाकर, Instagram Reels में लिरिक्स को जोड़ने की सुविधा एक शक्तिशाली उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को अपने Reels को और अधिक आकर्षक, मनोरंजक और समझने योग्य बनाने में मदद कर सकता है।

बुधवार, 29 नवंबर 2023

Maa PurnaGiri: शक्ति के इस दरबार में हर मन्नत पूरी होती है

नवंबर 29, 2023 0

मां पूर्णागिरि के दरबार में हर मन्नत पूरी होती है पूरी
पूर्णागिरी मंदिर का इतिहास


हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखण्ड राज्य के कण-कण में देवी-देवताओं का वास होने के चलते इसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है | यहाँ हिंदू धर्म के बहुत से धार्मिक स्थल हैं इन्ही स्थलों में से एक है “माँ पूर्णागिरी” का दरबार. पूर्णागिरि माता का मंदिर उत्तराखंड में टनकपुर से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. माँ पूर्णागिरि का मंदिर चंपावत जिले में समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माँ पूर्णागिरि का मंदिर काली नदी के तट पर स्थित है जो की 108 सिद्ध पीठों में से एक है। हर साल नवरात्र के दौरान (मार्च के महीने में) यहां मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में आस-पास के इलाकों और दूसरे प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी पूर्णागिरि के दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं। हर साल मार्च के महीने में भक्तों के आने का सिलसिला लगा रहता है। चैत्र नवरात्र से शुरू होने वाला मां पूर्णागिरी का यह मेला जून माह तक चलता है।


पूर्णागिरी मंदिर भारत- नेपाल बॉर्डर पर पड़ता है। पूर्णागिरी का मंदिर हरे-भरे पहाडों से घिरा हुआ है. हिमालय के नज़दीक होने की वजह से साफ स्वच्छ हवा, हरे भरे जंगल, और काली नदी का कल-कल करता हुआ बहता पानी मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं. यहां हर साल हजारों भक्त मुरादें मांगने आते हैं।

पूर्णागिरी मंदिर की स्थापना कब और कैसे
यहाँ ऐसी मान्यता है की जब भगवान शिव तांडव करते हुए यज्ञ कुंड से सती के शरीर को लेकर आकाश गंगा मार्ग से जा रहे थे | तब भगवान विष्णु ने तांडव नृत्य से क्रोधित होकर सती के शरीर के अंग के टुकड़े कर दिए जो आकाश मार्ग से पृथ्वी केअलग अलग स्थानों में जा गिरी | ऐसी मान्यता है की इन जगहों में ही माता शेरवाली, महरवाली, नैना देवी और अन्य देवियों का वास हुआ. कथा के अनुसार जहा जहा देवी के अंग गिरे वही स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गए | ऐसी मान्यता है माता सती का “नाभि” अंग “पूर्णा” पर्वत पर गिरा और तभी से पूर्णा पर्वत में माँ “पूर्णागिरी मंदिर” की स्थापना हुई |

जानें पूर्णागिरी मंदिर की मान्यता
मंदिर की मान्यता यह भी है जो भी यहाँ अपनी मनोकामना माता से माँगता है वह मंदिर परिसर में रंगबिरंगी लाल-पीली चीरे को बाँधता है और मनोकामना पूरी होने पर पूर्णागिरी मंदिर के दर्शन व आभार प्रकट करने और ‘चीर की गांठ’ खोलने आने की मान्यता भी है | अगर आप पहली बार माता के दरबार में पहुँचोगे तो आपको पता चल जाएगा की इस मंदिर में हर किसी की मनोकामनायें पूरी हुई हैं. हर साल लाखों लोग अपनी मनोकामना माता से मनवाने यहाँ आते हैं. और इसका जीता जागता उदाहरण हैं यहाँ बाँधे गये लाल-पीली चीरे. जिनमें लोगों ने अपनी अपनी मनोकामना माँ से माँग रखी होती हैं.

पूर्णागिरी मंदिर कैसे पहुँचे
मंदिर में पहुंचने के लिए आप टनकपुर से प्राइवेट टैक्सी बुक कर सकते है. टनकपुर से टैक्सी द्वारा ठूलीगाड़ जाते हैं जो की यात्रा का पहला पड़ाव है. ठूलीगाड़ का मतलब कुमाऊंनी भाषा में बड़ी नदी होता है. ठूलीगाड़ से मां पूर्णागिरी की पैदल यात्रा शुरू हो जाती है। ठूलीगाड़ से कुछ दूर हनुमान चट्टी पड़ता है।


हनुमान चट्टी यात्रा का दूसरा पड़ाव है. यहाँ आपको अस्थायी दुकान और आवासीय झोपड़ियां दिखाई देंगी। हनुमान चट्टी से फिर तीन किमी. की चढ़ाई चढ़ने के बाद आप पूर्णागिरी मंदिर पहुंच जाएंगे. माता के मंदिर के अलावा सिद्ध बाबा मंदिर, झूठे का मंदिर, भैरो बाबा मंदिर के भी दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है.

मंदिर पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको टनकपुर पहुँचना होगा. टनकपुर से फिर प्राइवेट टैक्सी या सरकारी बस से मंदिर परिसर पहुँचा जा सकता है. टनकपुर आप उत्तर भारत के हर बड़े शहर से आसानी से पहुँच सकते हो. टनकपुर पहुँचने के लिए लखनऊ, दिल्ली, आगरा, कानपुर, देहरादून, शिमला, चंडीगढ़, मोहाली, कानपुर और अन्य शहरों से सीधी बस सेवा द्वारा जुड़ा हुआ है. बरेली और पीलीभीत के रास्ते आप ट्रेन से भी टनकपुर पहुँच सकते हैं.

ठहरने हेतु के स्थान का चयन
यात्रा से लौटने के बाद आप टनकपुर स्थित बस स्टेशन के आस-पास स्थित होटलों में रुक सकते हैं। या फिर नज़दीक के किसी हिल स्टेशन का रुख़ कर सकते हैं.


शुक्रवार, 24 नवंबर 2023

Jaipur Yatra: जाने कौन सी विशेषता इसे बनती है सात प्राचीन शहरों में से एक

नवंबर 24, 2023 0

जयपुर, जिसे "पिंक सिटी" के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान की राजधानी है। यह शहर अपने भव्य महलों, ऐतिहासिक स्मारकों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। जयपुर को 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह II ने अपनी नई राजधानी के रूप में स्थापित किया था। उन्होंने शहर को एक समतल भूमि पर बसाया, जो इसे आसानी से बचाने के लिए था। उन्होंने शहर को एक किले से भी घेर दिया।


जयपुर का सबसे प्रसिद्ध आकर्षण हवा महल है। यह एक पांच मंजिला महल है जो पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना है। हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह ने अपनी रानियों के लिए किया था। महल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हवा अंदर से गुजर सके और महल को ठंडा रख सके।

जयपुर में कई अन्य महल भी हैं, जिनमें जंतर-मंतर, जयगढ़ किला और नाहरगढ़ किला शामिल हैं। जंतर-मंतर एक खगोलीय वेधशाला है जो 1728 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा बनाई गई थी। यह वेधशाला दुनिया भर में सबसे पुरानी और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित खगोलीय वेधशालाओं में से एक है। जयगढ़ किला एक विशाल किला है जो जयपुर के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह किला 1726 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा बनाया गया था। नाहरगढ़ किला एक और विशाल किला है जो जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित है। यह किला 1734 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा बनाया गया था।

जयपुर में कई प्राचीन मंदिर भी हैं, जिनमें गणेश मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर और गोविंद देव मंदिर शामिल हैं। गणेश मंदिर जयपुर में सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। लक्ष्मी नारायण मंदिर जयपुर में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था। गोविंद देव मंदिर जयपुर में सबसे भव्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था।

जयपुर एक जीवंत और समृद्ध संस्कृति का शहर है। यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और त्योहार आयोजित किए जाते हैं। जयपुर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार दीपावली है। दीपावली को दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं और मिठाई बांटते हैं। जयपुर में कई अन्य त्योहार भी मनाए जाते हैं, जिनमें होली, गणेश चतुर्थी और जन्माष्टमी शामिल हैं।

जयपुर एक पर्यटन स्थल के रूप में भी बहुत लोकप्रिय है। हर साल लाखों पर्यटक जयपुर की यात्रा करते हैं। जयपुर में कई होटल, रेस्तरां और खरीदारी के स्थान हैं। जयपुर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है।

जयपुर, राजस्थान की राजधानी है और यह शहर अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. जयपुर में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं:


  • हवा महल: हवा महल एक पांच मंजिला महल है जो पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना है. यह महल महाराजा सवाई जयसिंह II द्वारा अपनी रानियों के लिए बनाया गया था. महल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हवा अंदर से गुजर सके और महल को ठंडा रख सके.

  • जंतर मंतर: जंतर मंतर एक खगोलीय वेधशाला है जो 1728 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा बनाई गई थी. यह वेधशाला दुनिया भर में सबसे पुरानी और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित खगोलीय वेधशालाओं में से एक है.

  • जयगढ़ किला: जयगढ़ किला एक विशाल किला है जो जयपुर के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है. यह किला 1726 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा बनाया गया था.

  • नाहरगढ़ किला: नाहरगढ़ किला एक और विशाल किला है जो जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित है. यह किला 1734 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा बनाया गया था.

  • गणेश मंदिर: गणेश मंदिर जयपुर में सबसे पुराना मंदिर है. यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था.

  • लक्ष्मी नारायण मंदिर: लक्ष्मी नारायण मंदिर जयपुर में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था.

  • गोविंद देव मंदिर: गोविंद देव मंदिर जयपुर में सबसे भव्य मंदिरों में से एक है. यह मंदिर 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था.



इनके अलावा, जयपुर में कई अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरताएं भी हैं, जिनका आप आनंद ले सकते हैं.

जयपुर में अन्य ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक सुंदरताएं इस प्रकार हैं:


  • जयपुर सिटी पैलेस: यह एक विशाल महल परिसर है जो 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह II द्वारा बनाया गया था. यह महल परिसर कई महलों, मंदिरों और उद्यानों से घिरा हुआ है.

  • जयपुर गार्डन: यह एक खूबसूरत उद्यान है जो जयपुर सिटी पैलेस के अंदर स्थित है. इस उद्यान में कई फूलों, पेड़ों और झरनों से घिरा हुआ है.

  • जयपुर म्यूजियम: यह एक संग्रहालय है जो जयपुर के इतिहास और संस्कृति को समर्पित है. इस संग्रहालय में कई प्राचीन वस्तुएं, कलाकृतियां और हथियार हैं.

  • जयपुर चिड़ियाघर: यह एक चिड़ियाघर है जो जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित है. इस चिड़ियाघर में कई तरह के जानवर और पक्षी हैं.

  • जयपुर झील: यह एक झील है जो जयपुर के बीचोबीच स्थित है. यह झील एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है और यहां कई तरह के गतिविधियां की जा सकती हैं, जैसे नौकायन, मछली पकड़ना और तैराकी.

जयपुर एक अद्भुत शहर है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यदि आप भारत की यात्रा कर रहे हैं, तो जयपुर एक जगह है जिसे आप बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहेंगे। 

गुरुवार, 23 नवंबर 2023

जानें क्या होंगें WhatsApp टेक्स्ट फॉर्मेटिंग Tool फीचर के लाभ क्या यूजर्स की होगी मौज

नवंबर 23, 2023 0

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WhatsApp टेक्स्ट फॉर्मेटिंग टूल एक ऐसा फीचर है जो यूजर्स को अपने मैसेज के टेक्स्ट को अलग-अलग तरह से फॉर्मेट करने की अनुमति देगा। यह फीचर फिलहाल iOS यूजर्स के लिए बीटा परीक्षण में है और जल्द ही सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

WhatsApp टेक्स्ट फॉर्मेटिंग टूल की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • इटैलिक, बोल्ड, और अंडरलाइन: यह यूजर्स को अपने मैसेज के टेक्स्ट को इटैलिक, बोल्ड, और अंडरलाइन करने की अनुमति देगा। यह टेक्स्ट को अधिक ध्यान देने योग्य बनाने में मदद करेगा।
  • कोट ब्लॉक: यह यूजर्स को किसी अन्य मैसेज या रिएक्शन को कोट करने की अनुमति देगा। यह किसी विशेष जानकारी को उद्धृत करने या किसी अन्य व्यक्ति के विचारों को उजागर करने में मदद करेगा।
  • आइटम लिस्ट: यह यूजर्स को एक सूची बनाने की अनुमति देगा। यह सूचनाओं को व्यवस्थित करने और उन्हें पढ़ने में आसान बनाने में मदद करेगा।

WhatsApp टेक्स्ट फॉर्मेटिंग टूल के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • मैसेज को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा: यह यूजर्स को अपने मैसेज को अधिक ध्यान देने योग्य और आकर्षक बनाने में मदद करेगा।
  • सूचनाओं को व्यवस्थित करने में मदद करेगा: यह यूजर्स को सूचनाओं को व्यवस्थित करने और उन्हें पढ़ने में आसान बनाने में मदद करेगा।
  • रचनात्मकता को बढ़ावा देगा: यह यूजर्स को अपने मैसेज को अधिक रचनात्मक और मनोरंजक बनाने में मदद करेगा।

WhatsApp टेक्स्ट फॉर्मेटिंग टूल एक उपयोगी फीचर है जो यूजर्स को अपने मैसेज को अधिक प्रभावी और रचनात्मक बनाने में मदद करेगा। यह फीचर यूजर्स को अपने मैसेजिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक और विकल्प प्रदान करता है।